उपन्यास-गोदान-मुंशी प्रेमचंद

121 Part

127 times read

1 Liked

गोदान--मुंशी प्रेमचंद होरी की दशा दिन-दिन गिरती ही जा रही थी। जीवन के संघर्ष में उसे सदैव हार हुई; पर उसने कभी हिम्मत नहीं हारी। प्रत्येक हार जैसे उसे भाग्य से ...

Chapter

×